झारखंड मुक्ति मोर्चा में सोरेन परिवार के बीच चल रहे देवरानी-जेठानी के मुद्दे पर चर्चा
हेमंत सोरेन की भाभी और जेएमएम की विधायक सीता सुरेन ने अपने ससुर के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गईं।
इस परिवर्तन के साथ ही कल्पना सोरेन के भावुक पोस्ट में उन्होंने सीता सुरेन पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने उनके नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए।
कई दिनों से चर्चा में था कि बीजेपी में कल्पना को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे सीता परेशान थी। जब कल्पना को सीएम बनाने की कोशिश की गई, तो सीता सुरेन ने विरोध का झंडा बुलंद किया।
कल्पना सोरेन ने अपने एक भावुक पोस्ट में कहा कि दुर्गा सुरेन के असमय निधन के बाद उन्हें राजनीति में आना पड़ा, जो कि हेमंत सोरेन नहीं चाहते थे।
इसके बाद, वे लिखती हैं कि हेमंत सोरेन को राजनीति में नहीं बल्कि राजनीति ने ही चुना है, और उन्होंने उनके ऊपर बड़ा जिम्मेदारी दी है।
कल्पना सोरेन ने आगे लिखा कि उनके बाबा और दादा के संघर्षों और लड़ाईयों के साथ, जो उन्होंने पूंजीपतियों और सामंत वादियों के खिलाफ लड़ी थी, उन्हें समर्थन देने का समय आ गया है।
इस तरह, सीता सुरेन बीजेपी में शामिल हो गई हैं, जिससे निशाना साधने के बाद राजनीतिक दल में गहराई से चर्चा हो रही है।